श्रमदान से दूधिया तालाब संवारने की कोशिश हुई
भाजपा के 'सेवा और समर्पण' अभियान के तहत कार्यकर्ताओं ने किया तालाब सफाई से श्रमदान
तालाबों व जलस्रोतों के अस्तित्व पर मंडराते संकट पर चिंता जताई
@ Liyakat Mansuri
सिरोही 3 अक्टूबर | साथी हाथ बढ़ाना की तर्ज पर दूधिया तालाब की सफाई के लिए जुटे शहर भाजपा कार्यकर्ताओं ने पार्टी के 'सेवा और समर्पण' अभियान के तहत जीवनदायी जलस्रोत तालाब पर श्रमदान करके जलाशय में पसरी गंदगी, कूड़ा करकट, प्लास्टिक आदि मलबे को साफ करके उसे ट्रैक्टर द्वारा बाहर फिंकवाया गया। सभी ने इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को गर्व से भर देने वाला आवाहन बता कहां की आने वाली पीढ़ी के लिए आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक व सजग रहना होगा।
जल स्रोत धरोहर संभालना जरूरी -
श्रमदान के मौके पर नगर अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल ने बताया कि अगर सभी मिलकर थोड़ा सा प्रयास करें तो जीवनदायीं इन तालाबों का भविष्य जन सहभागिता से संवार सकते हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व है कि इन जलस्रोतों की धरोहर को सुरक्षित रखने में अपनी भागीदारी निभाएं। सुरेश सगरवंशी ने बताया कि जिम्मेदारों के जल स्रोतों के रखरखाव व संरक्षण के दावे योजना व कागजों में सिमटे ज्यादा नजर आते हैं अगर इन्हें संभाला जाए तो आने वाली पीढ़ियों को यह बहुमूल्य तालाब स्वच्छ जल देने में सहायक बनेंगे। वीरेंद्र चौहान ने बताया कि प्राचीन मंदिर मार्ग पर तालाब होने से आते जाते शहरवासी इसकी दुर्दशा देखकर चिंता व रोष तो जाहिर करते हैं लेकिन सख्त कदमों को आगे बढ़ाने में पहल नहीं किए जाने से स्थिति बदतर हुई है।
प्रदूषण युक्त दूषित जल चिंताजनक -
वैसे तो उस शहर में कई प्राचीन जल स्रोत व तालाब है लेकिन सभी दुर्दशा का शिकार है। शहर के तालाबों की स्थिति दयनीय बनी है वही मानव स्वास्थ्य के लिए घातक प्लास्टिक, रसायन आदि से ओतप्रोत मलबों से लिपटे तथा लगातार कूड़ा करकट के साथ धार्मिक आयोजनों की वस्तुओं को इनमें डाले जाने के बारे में किसी भी प्रकार का खोफ या चिंता दिखाई नहीं देती। सरकार के साथ-साथ लोगों की उदासीनता, लापरवाही और जागरूकता का अभाव तालाबों की रोनक को खत्म कर रहा है इसलिए इस को प्राथमिकता से लेना होगा।
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